क्विनोआ एक बेहतरीन अनाज है जिसे सुपर ग्रेन कहा जाता है। क्विनोआ स्वास्थ के लिए अन्यअनाजों की अपेक्षा बेहद लाभकारी अनाज है इसीलिए इसके दानों के साथ-साथ इसके पत्तों का उपयोग सलाद व सब्जी के रूप में किया जाता है। गेंहू चावल, ज्वार, मक्का, रागी की तरह क्विनोआ भी पोएसी परिवार का ही एक अनाज है। यह एक छोटा आम तौर पर हल्के रंग का गोल अनाज है जो कि लाल, बैंगनी और काले सहित अन्य रंगों में भी उपलब्ध है। दिखने में यह थोड़ा-थोड़ा तिल के बीज के समान दिखता है।
क्विनोआ भारतीय अनाज नहीं है बल्कि यह दक्षिण अमेरिका का अनाज है जिसको भारत में कुछ साल पहले ही लाया गया है। जैसा कि देखा गया है कि अधिकतर औषधिय पौधे पहाड़ों और जंगलों में ही लगते हैं उसी प्रकार क्विनोआ भी एक औषधीय पौधा है जिसे सबसे पहले दक्षिण अमेरिका के एंडीज नामक पर्वत पर लगाया गया था और आज भी क्विनोआ की ज्यादातर पैदावार पर्वतीय क्षेत्रों और जंगलों में ही की जाती है।
क्विनोआ कितने प्रकार के होते हैं |
1. लाल क्विनोआ | Red Quinoa
2. सफेद क्विनोआ | White Quinoa
3. काला क्विनोआ | Black Quinoa
क्विनोआ एक वार्षिक पौधा है जो लगभग चार से पांच मीटर लम्बा होने के साथ चारों ओर से फूलों से लदा हुआ होता है। क्विनोआ का पौधा चौलाई परिवार से संबंधित पौधा है। क्विनोआ पौधे का तना लाल, बैंगनी या हरे रंग का होता है। खास बात यह कि क्विनोआ के पौधे में लगने वाले फूल सुगंध रहित होते हैं लेकिन देखने में बेहद आकर्षित लगते हैं। क्विनोआ का पौधा बहुत ही सवेदनशील पौधा होता है। इस पौधे में कीटों और रोगों से लड़ने की बहुत अधिक क्षमता होती है। साथ ही पाले (अत्यधिक सर्दी) और सूखे को भी सहन कर लेता है। क्विनोआ के बीज की बात करें तो इसके बीज बेहद सुन्दर होते हैं जिनका आकर ओट्स की तरह गोल और रंग गेहुआं, भूरा काला और लाल होता है। क्विनोआ के बीज ना ही अधिक छोटे होते हैं और ना ही अधिक बड़े होते हैं अर्थात क्विनोआ के बीजों का आकार मध्यम होता है।
क्विनोआ को हम विभिन्न नामो से जानते है ,
क्विनोआ का वैज्ञानिक नाम चिनोपोडियम किनोवा (Chenopodium quinoa) है। यह अमरंथ (amaranth) परिवार का एक हिस्सा है। भारत में क्विनोआ को किनवा, किनोवा, बधुआ, मध्ये, केनवा आदि नामों से जाना जाता है। इसके गुणकारी तत्वों की वजह से ही क्विनोआ को सुपरफूड के नाम से भी जाना जाता है।
क्विनोआ कैसे बनाते है आइए जानते है -
खाना पकाने से पहले क्विनोआ को हमेशा गर्म पानी से अच्छी तरह से साफ करना चाहिए, क्योंकि यह प्रक्रिया उन कीड़ों से प्राकृतिक सुरक्षा को हटा देगी जिनसे इसके दाने सुरक्षित हैं। अगर हम ऐसा नहीं करते हैं, तो बाद में क्विनोआ का स्वाद थोड़ा कड़वा हो जाएगा।
यदि आप इसे पकाते हैं, तो एक कप क्विनोआ पकाने के लिए एक चौथाई और तीन चौथाई लीटर पानी के बराबर के अनुपात का पालन करना सुनिश्चित करें।
कुछ जगहों पर, आप डेढ़ कप पानी का उपयोग करके इसे पकाने के निर्देशों का पालन करेंगे और अन्य जगहों पर इसे दो कप पानी के बराबर का उपयोग करके पकाएंगे।
तीन विकल्प हैं। अगर पका हुआ क्विनोआ सूखा है, तो आपने बहुत कम पानी का इस्तेमाल किया है। यदि यह अपनी मजबूती खो चुका है तो आपने इसे अधिक पका लिया है।
एक कटोरी में धोए गए क्विनोआ को नमक और पानी से भरने से पहले हिलाएं। एक बार उबलने के बाद, क्विनोआ को अतिरिक्त 15 मिनट तक या सभी तरल उबाल आने तक पकने के लिए तापमान कम करें।
क्विनोआ के चमत्कारी फायदे
1. कोलेस्ट्रोल को कम करने में है फायदेमंद
2. वजन और चर्बी कम करने में है फायदेमंद
3. हड्डियों को मजबूत बनाने में है गुणकारी
4. डायबिटीज में है फायदेमंद
5. खून बढ़ाने में है मददगार
6. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में है लाभकारी
7. पाचन तंत्र को बनाये मजबूत
8. बालों को स्वस्थ बनाने में है मददगार
9. क्विनोआ रखे ह्रदय को स्वस्थ
नुकसान-
1. क्विनोआ में ऑक्सेलिक एसिड की मात्रा पाई जाती है जो गुर्दे की पथरी वाले रोगियों को नुकसान पहुँचा सकता है। इसके आलावा क्विनोआ का अत्यधिक सेवन करने से पथरी बनने की समस्या भी हो सकती है।
2. क्विनोआ का गलत तरीके से सेवन करने से पेट में दर्द और उल्टी- दस्त लग सकते हैं।
3. क्विनोआ के अधिक सेवन से किसी-किसी को अपच की समस्या भी हो सकती है।
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