लखनऊ। उत्तरप्रदेश में आगामी चुनावों को लेकर तेज होती सरगर्मियों के बीच सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के बाहुबली बयान ने पारा और चढ़ा दिया है। अन्य पार्टियां एक तरफ जिसका विरोध कर रही है वहीं सपा के साथ गठबंधन कर चुकी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने आगामी चुनाव में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को समर्थन देने की बात कही है। मऊ सीट से विधायक मुख्तार अंसारी को समर्थन देने की घोषणा के बाद से ये कयास लगाए जाने लगे क्या इस बार भी चुनावों में बाहुबली का राजनीतिक मूड देखने को मिलेगा। सुभासपा अध्यक्ष राजभर ने कुछ दिन पहले ही बांदा जेल में विधायक मुख्तार अंसारी से मुलाकत की थी। उन्होंने अंसारी का खुलकर समर्थन करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा के होने वाले चुनाव में सपा और सुभासपा गठबंधन की तरफ से मुख्तार अंसारी को समर्थन किया जाएगा राजभर ने अंसारी को अपनी पार्टी से चुनाव लड़ने का ऑफर भी दिया। सपा और सुभासपा ने आगामी विधानसभा चुनाव साथ लड़ने का ऐलान किया है। राजभर का पूर्वाचल में काफी असर माना जाता है।
मुख्तार अंसारी जबरन वसूली मामले में जनवरी 2019 से पंजाब की जेल में बंद है। प्रदेश सरकार के मुताबिक गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के खिलाफ गाजीपुर जिले में गंभीर अपराधों के करीब 40 मामले दर्ज है। इनमें से कई मामलों में पांच बार के विधायक अंसारी बरी भी हो चुके है। विधायक को इस बार बसपा से प्रत्याशी न बनाने की बीएसपी प्रमुख मायावती की घोषणा से राजनैतिक ब्रेक लगने के बीच राजभर की घोषणा अंसारी के लिए एक नई उम्मीद है। वैसे अधिकतर पार्टियां गैंगस्टर और कुख्यात अपराधियों को चुनावी मैदान में उतारने से बच रहे है।
अखिलेश यादव मुख्तार अंसारी का विरोध कर चुके है।
राजभर के इस ऐलान को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इससे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव मुख्तार अंसारी का विरोध कर चुके है। साल 2016 में पूर्व सीम अखिलेश यादव ने सपा में मुख्तार अंसारी को शामिल करने को लेकर उनके चाचा शिवपाल यादव में खूब तनातनी देखने को मिली थी। अखिलेश के चाचा शिवपाल, अंसारी और उनके परिवार को पार्टी में शामिल कराने चाहते थे जबकि अखिलेश इसका विरोध कर रहे थे।मीडिया के एक सवाल में उनसे पूछा गया क्या सपा भी उनका समर्थन करना चाहेगी इस सवाल के जवाब में राजभर ने कहा कि सरकार बनानी है तो समर्थन देने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। राजभर यहीं नहीं रूके उन्होंने आगे कहा कि जब अखिलेश यादव मायावती से गठबंधन कर सकते हैं तो फिर मुख्तार अंसारी को समर्थन देने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।
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