थापना तिथि- 7 अक्टूबर 2021, गुरुवार
शरद नवरात्रि कब से शुरू है?
मां शैलपुत्री की पूजा- नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा होती है।
मां ब्रह्मचारिणी- द्वितीया तिथि 8 अक्टूबर 2021, शुक्रवार को मां दुर्गा का दूसरा स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी है. नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है।
मां चंद्रघंटा की पूजा- तृतीया तिथि 9 अक्टूबर 2021, शनिवार को मां चंद्रघंटा की पूजा होती है।
मां कुष्मांडा की पूजा- चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर 2021, शनिवार को शरद नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है।
मां स्कंदमाता की पूजा- पंचमी तिथि 10 अक्टूबर 2021, रविवार को मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है।
मां कात्यायनी की पूजा- षष्ठी तिथि 11 अक्टूबर 2021, सोमवार को मां कात्यायनी की पूजा की जाती है.
मां कालरात्रि की पूजा- सप्तमी तिथि 12 अक्टूबर 2021, मंगलवार को मां कालरात्रि की पूजा की जाती है।
महागौरी की पूजा- अष्टमी तिथि 13 अक्टूबर 2021, बुधवार, को महागौरी की पूजा की जाती है।
मां सिद्धिदात्री की पूजा- नवमी तिथि 14 अक्टूबर 2021, गुरुवार को मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।
शारदीय नवरात्रि का व्रत का पारण- दशमी तिथि 15 अक्टूबर 2021, शुक्रवार को शारदीय नवरात्रि का पारण और मां दुर्गा को विसर्जित किया जाएगा।
घटस्थापना की पूजा सामग्री
- चौकी
- चौड़े मुख वाला मिट्टी का पात्र
- मिट्टी का कलशनव
- सात प्रकार के अनाज
- स्वच्छ मिट्टी
- जल
- गंगाजल
- कलावा
- आम या अशोक के पत्ते
- जटा नारियल
- सुपारी
- चावल
- फूल
- फूलों की माला
- लाल वस्त्र
- मिष्ठान
कलश पूजा विधि-
कलश की पूजा विधि पूर्वक करनी चाहिए. इसके लिए मिट्टी के पात्र में सात
प्रकार के अनाज को मां दुर्गा का स्मरण करते हुए बोएं. इसके बाद इस पात्र
के ऊपर कलश की स्थापना करें. कलश में जल और गंगाजल को मिलाकर भर दें. कलश
पर कलावा बांधें. कलश के मुख पर आम या अशोक के पत्ते रख दें. इसके उपरांत
जटा नारियल में कलावा को बांध दें. लाल कपड़े में नारियल को लपेट कर कलश के
ऊपर रखें. सभी देवी देवताओं का आह्वान करें
नवरात्रि स्पेशल रेसिपीः-अधिकांश लोग नवरात्रि के दौरान सात्विक खाना या व्रत का खाना, खाना पसंद करते हैं. और देवी दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए व्रत करते हैं. यहां पर हम आपको एक ऐसी ही रेसिपी के बारे में बता रहे हैं जिसे आप व्रत के दौरान ट्राई कर सकते हैं. साबूदाना एक ऐसी सामग्री है जिसे व्रत के दौरान खूब खाया जाता है. साबुदाना खिचड़ी नवरात्रि व्रत रेसिपी में सबसे ज्यादा पसंद की जाती. इसमें स्टार्च और कार्बोहाइड की अच्छी मात्रा होती है, जो आपका पेट लंबे समय तक भरा रखती है
साबूदाना खिचड़ी को कैसे सर्व करें : आमतौर पर साबूदाने की खिचड़ी व्रत में खाई जाती है तो इसे दही के साथ सर्व किया जाता है।
साबूदाना खिचड़ी बनाने की विधि-
एक
मोटे कपड़े पर एक घंटे के लिए फैलाकर छोड़ दें। साबूदाना से पानी पूरी तरह
निकल जाना चाहिए, वरना बनाते समय साबूदाना चिपकने लगेगा।
अब
साबूदाना, मूंगफली, नमक और मिर्च पाउडर को एक साथ मिलाएं। एक पैन में घी
गर्म करें। उसमें जीरा, लाल मिर्च और कढ़ी पत्ते को तड़का लगाएं।
.जब मिर्च हल्के गाढ़े रंग की हो जाए, तो इसमें साबूदाना डालें। हल्की आंच पर पकाएं। थोड़ी देर पका लेने के बाद इसे आंच से उतार लें।
.ऊपर से नींबू का रस डालकर मिलाएं। गार्निशिंग के लिए हरा धनिया और हरी मिर्च का इस्तेमाल करें। सर्व करें।
.साबूदाना को पानी से साफ करके पानी में एक घंटे के लिए भिगोकर रख दें। ध्यान रहे पानी साबूदाना से तीन सेंटीमिटर ऊपर होना चाहिए। छन्नी में छान लें।
साबूदाना खिचड़ी की सामग्री
- 1 कप साबूदाना
- (छीलकर हल्की भुनी हुई और कुटी हुई) 1/2 कप मूंगफली
- 2 टेबल स्पून घी
- 1 टी स्पून जीरा
- 3-4 साबुत लाल मिर्चः
- एक टहनी
कढ़ी पत्ता
- 2 टी स्पून
सेंधा नमक
- 1 टी स्पून मिर्च पाउडर
- 1 टेबल स्पून हरा धनिया
- 1 टी स्पून हरी मिर्च,
टुकड़ों में कटा हुआ
- 1 टेबल स्पून नींबू का रस
- 1 कप साबूदाना
0 Comments