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सीताफल (शरीफा )👇




सीताफल (custard apple in hindi) को शरीफा भी बोलते हैं। इसका स्वाद अन्य फलों से अलग होता है। आपने सीताफल (शरीफा) खाया है, तो इसके स्वाद के बारे में जरूर जानते होंगे। ऊपर से देखने पर सीताफल भले ही थोड़ा खुरदुरा-सा लगता है, लेकिन अंदर का भाग सफदे रंग का, और मुलायम होता है। यह बहुत ही मीठा, और स्वादिष्ट फल होता है। अपने रंग-रूप, और स्वाद के कारण सीताफल (शरीफा) सभी फलों से थोड़ा विशेष बन जाता है।आयुर्वेद के अनुसार, सीताफल का प्रयोग एक-दो नहीं बल्कि, अनेक रोगों के इलाज के लिए किया जा सकता है। 


                                        👆आप पढ़ रहे है हकीकत जमाने की 👇


विभिन्न भाषाओं में सीताफल(शरीफा ) का नाम-

सीताफल का वानस्पतिक नाम अनोना स्क्वेंमोसा (Annona squamosa Linn, Syn-Annona asiaticaLinn)है, और यह ऐनोनेसी (Annonaceae) कुल का है। भारत में सीताफल को मुख्यतः दो नामों से बुलाते हैं, पहला- सीताफल, और दूसरा शरीफा (sarifa)। इसके अलावा भी सीताफल के अन्य नाम हैं,
  • Hindi (custard apple ) – शरीफा, सीताफल, गात्र, कृष्णबीज, जानकी फल
  • Sanskrit- गण्डगात्र, सीताफल, कृष्णफल, जानकीफल, आतुप्य
  • English (seethapalam or sitafal in english)- शुगर एपल (Sugar apple), स्वीट सोप ऑफ अमेरिका (Sweet soap of America), कस्टर्ड एपॅल (Custard apple)
  • Oriya- सीताफोलो (Sithapholo), आटो (Aato), सीताफल (Sitaphal)
  • Assamese- कटाल (Katal)
  • Konkani- अट (At), अटह (Ath)
  • Kannada- सीताफल (Sitaphala)
  • Gujarati- अनुराम (Anuram), अनूरी (Anuri), सीताफल (Sitaphal), अनूसा (Anusa)
  • Tamil- सीतापलम (Sitapalam), सीथाप्पाझम (Sithappazham), अट्टा (Atta)
  • Telugu- गंधागारामू (Gandagaramu)
  • Bengali- सीताफल (Sitaphal), अटा (Ata)
  • Punjabi- शरीफा (Sharifa)
  • Marathi- सीताफल (Sitaphal), आटीचक्की (Aatichakki), सीथापझम (Sithapagham)
  • Malayalam- अट्टीचक्का (Attichakka), सीरफा (Sirpa), सीथापजेहेम (Sithapazham)
  • Nepali- सरीफा (Saripha)
  • Arabic- सरीफा (Saripha)  
  • Persian- कज (Kaj), शरीपां (Sharifah)

सीताफल(शरीफा ) गर्भावस्था के बाद की समस्या में फायदेमंद है -

मां बनने के तुरंत बाद महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में माताओं को शरीफा (sarifa) का सेवन करना चाहिए। यह फायदा पहुंचााता है। महिलाएं 1-2 ग्राम शरीफा की जड़ के चूर्ण का सेवन करे। इससे प्रसूता संबंधित विकार में लाभ होता है।

त्वचा रोग का इलाज करने के लिए सीताफल(शरीफा ) के फायदे -

आपकी त्वचा को स्वस्थ रखने में रोम छिद्र की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जब रोम छिद्र किसी विकार से ग्रस्त हो जाते हैं, तो त्वचा को इसका नुकसान झेलना पड़ता है। रोम छिद्र विकार को ठीक करने के लिए सीताफल (seetafal) के पत्ते का पेस्ट बना लें, और लेप लगाएं। इससे त्वचा के घाव, त्वचा पर होने वाली सूजन और रोम छिद्र की बीमारी में लाभ होता है।

बुखार में शरीफा का इस्तेमाल-

ठंड लगकर बुखार आता हो, तो सीताफल (seetafal) के तीन पत्तों को नमक के साथ पीसकर पेस्ट बना लें। इसका सेवन करें। इससे सर्दी वाला बुखार ठीक होता है।

सीताफल(शरीफा ) के साइड इफेक्ट (Side Effect of Sitafal )

सीताफल से ये नुकसान हो सकते हैंः-

जब आप सीताफल का प्रयोग जूं को खत्म करने के लिए करें तो, इस बात का पूरा ध्यान रखें कि सीताफल आपकी आंखों में न चला जाए। आंखों में जाने से आपकी आंख खराब हो सकती है।


जूँ उपचार में सीताफल (शरीफा ) के लाभ -

जूं को लीख भी कहते हैं। पुरुष हों, या महिलाएं, सभी को जूं के कारण दैनिक काम-काज में परेशानी का सामना करना पड़ता है। लीख के कारण लोगों को अपने बालों को खुजाना पड़ता है। इस कारण कई बार मजाक का पात्र भी बनना पड़ जाता है। अगर आप भी जूं से परेशान हैं, तो सीताफल (sharifa fruit) का उपयोग कर सकते हैं। 

सीताफल के बीजों को पीसकर सिर पर लगाएं। इससे जूं (लीख) मर जाते हैं। इसका प्रयोग करते समय बहुत ही सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि अगर यह आंखों में लग जाए तो आंख खराब हो सकते हैं।
सीताफल के बीजों का काढ़ा बना लें, और इसे सिर पर लगाएं। इससे भी जूं (लीख) की परेशानी खत्म होती है।
                                      👊आगे फिर मिलेंगे पढ़ते रहे हकीकत जमाने की 👊


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