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विभिन्न भाषाओं में सीताफल(शरीफा ) का नाम-
सीताफल का वानस्पतिक नाम अनोना
स्क्वेंमोसा (Annona squamosa Linn, Syn-Annona asiaticaLinn)है, और यह
ऐनोनेसी (Annonaceae) कुल का है। भारत में सीताफल को मुख्यतः दो नामों से
बुलाते हैं, पहला- सीताफल, और दूसरा शरीफा (sarifa)। इसके अलावा भी सीताफल
के अन्य नाम हैं,
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सीताफल(शरीफा ) गर्भावस्था के बाद की समस्या में फायदेमंद है -
मां बनने के तुरंत बाद महिलाओं को कई तरह
की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में माताओं को शरीफा
(sarifa) का सेवन करना चाहिए। यह फायदा पहुंचााता है। महिलाएं 1-2 ग्राम
शरीफा की जड़ के चूर्ण का सेवन करे। इससे प्रसूता संबंधित विकार में लाभ
होता है।
त्वचा रोग का इलाज करने के लिए सीताफल(शरीफा ) के फायदे -
आपकी त्वचा को स्वस्थ रखने में रोम छिद्र
की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जब रोम छिद्र किसी विकार से ग्रस्त हो जाते
हैं, तो त्वचा को इसका नुकसान झेलना पड़ता है। रोम छिद्र विकार को ठीक करने
के लिए सीताफल (seetafal) के पत्ते का पेस्ट बना लें, और लेप लगाएं। इससे
त्वचा के घाव, त्वचा पर होने वाली सूजन और रोम छिद्र की बीमारी में लाभ होता है।
बुखार में शरीफा का इस्तेमाल-
ठंड लगकर बुखार आता हो, तो सीताफल
(seetafal) के तीन पत्तों को नमक के साथ पीसकर पेस्ट बना लें। इसका सेवन
करें। इससे सर्दी वाला बुखार ठीक होता है।
सीताफल(शरीफा ) के साइड इफेक्ट (Side Effect of Sitafal )
सीताफल से ये नुकसान हो सकते हैंः-
जब आप सीताफल का प्रयोग जूं को खत्म करने के लिए करें तो, इस बात का पूरा ध्यान रखें कि सीताफल आपकी आंखों में न चला जाए। आंखों में जाने से आपकी आंख खराब हो सकती है।
जूँ उपचार में सीताफल (शरीफा ) के लाभ -
जूं को लीख भी कहते हैं। पुरुष हों, या महिलाएं, सभी को जूं के कारण दैनिक काम-काज में परेशानी का सामना करना पड़ता है। लीख के कारण लोगों को अपने बालों को खुजाना पड़ता है। इस कारण कई बार मजाक का पात्र भी बनना पड़ जाता है। अगर आप भी जूं से परेशान हैं, तो सीताफल (sharifa fruit) का उपयोग कर सकते हैं।सीताफल के बीजों को पीसकर सिर पर लगाएं। इससे जूं (लीख) मर जाते हैं।
इसका प्रयोग करते समय बहुत ही सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि अगर यह आंखों
में लग जाए तो आंख खराब हो सकते हैं।
सीताफल के बीजों का काढ़ा बना लें, और इसे सिर पर लगाएं। इससे भी जूं (लीख) की परेशानी खत्म होती है।
सीताफल के बीजों का काढ़ा बना लें, और इसे सिर पर लगाएं। इससे भी जूं (लीख) की परेशानी खत्म होती है।
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