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बृहस्पति-गुरु देव के रत्न, पुखराज (TOPAZ)

 


पुखराज (Topaz) में कज्जल (Carbon) एवं दाहक (Phosphorus) की मात्रा ज्यादा होती है। मेनान्जिन थिसिओलेट तथा अभिकेंद्रक द्रव्य (Nucleic Acid) पर इसकी रासायनिक प्रतिक्रिया (Chemical Reaction) बहुत तीव्र एवं उग्र होता है। थियासोफिलिन बेस होने के कारण इसका उपर्ध्विक अवशोषण (Epidermic Delusion) आसानी से हो जाता है। और इस प्रकार इसका सल्फामेथाक्साजिन लोसन न्यूक्लिक आर्क पर एक घनीभूत (Dense) लेयर चढ़ा देता है। किन्तु पैरामेथाक्साजिनहाइड्रोक्लोराइड के कारण यह फिर भी पारदर्शी (Transparent) बना रहता है
जिनकी कुण्डली गुरू की स्थिति कमज़ोर होती है उन्हें मान-सम्मान एवं धन संबंधी परेशानियों का सामना बार-बार करना पड़ता है। इनकी शिक्षा में भी बाधा आती है। ज्योतिषशास्त्र में बताया गया है कि गुरू के कमज़ोर होने की वजह से जीवन में आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए गुरू को मजबूत बनाना चाहिए। इसके लिए गुरू का रत्न पुखराज(TOPAZ) धारण करने की सलाह लगभग सभी ज्योतिषी बताते हैं। गुरू के शुभ होने पर भी गुरू का रत्न धारण करना अच्छा माना जाता है। 😊



यदि आप बृहस्पति-गुरु देव के रत्न, पुखराज (TOPAZ)को धारण करना चाहते है, तो 3 से 5  कैरेट के पुखराज को स्वर्ण या चांदी की अंगूठी में जड़वाकर किसी भी शुक्ल पक्ष के गुरुवार को सूर्य उदय होने के बाद इसकी प्राण प्रतिष्ठा करवाकर धारण करें। इसके लिए सबसे पहले अंगुठी को दूध, गंगाजल, शहद और शक्कर के घोल में डाल दें, फिर पांच अगरबत्ती ब्रहस्पतिदेव के नाम जलाएं और प्रार्थना करें कि हे बृहस्पति देव मै आपका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आपका प्रतिनिधि रत्न पुखराज धारण कर रहा//रहीं हूं, कृपया करके मुझे अपना आशीर्वाद प्रदान करे !सुनहला भी हो सकता है पुखराज का विकल्प😓


अगर किसी व्यक्ति के पास पैसों की समस्या है तो वह सुनहला भी धारण कर सकता है, हालांकि ये पुखराज जैसा असर तो नहीं दिखाएगा लेकिन काफी सारी समस्याओं का निदान करता है। पीतल या तांबे की धातू में सुनहला को जड़वाकर पुखराज जैसी विधि से ही पहनने से यह लगभग पुखराज जैसा काम करता है।😒

अगर आप भी पुखराज खरीदने की सोच रहे हैं तो पुखराज पहचानने की सामान्य जानकारी अवश्य प्राप्त कर लेनी चाहिए। असली पुखराज की परख करने के लिए शीशे के एक ग्लास में गाय का दूध रखें। इसके अंदर पुखराज को डाल दें। अगर असली पुखराज होगा तो एक से डेढ़ घंटे में पुखराज की किरण ऊपर से छिटकती नजर आएगी।

जब आप पुखराज(TOPAZ) खरीद रहे हों तो उसे हाथ में लेकर हिलाएं भार महसूस होगा। असली पुखराज चिकना और साफ होता है। इसे अंगूठा और कनिष्ठा से दबाने पर छिटक कर दूर जाकर गिरता है। पीला पुखराज (TOPAZ)सरसों के फूल के समान गहरा पीला दिखता है। पुखराज का पीलारंग हरापन लिये नज़र आये तो ऐसा पुखराज बिल्कुल नहीं लेना चाहिए। पुखराज(TOPAZ) अगर दानेदार अथवा परतदार नज़र आये तो इसे भी नहीं खरीदना चाहिए। उत्तम कोटि के पुखराज(TOPAZ) को आग पर गर्म करने पर बीच में अस्त होते सूर्य की तरह लाल नज़र आता है। 
नवमेश की छाया दशा में या पंचमेश की पाचक दशा में पुखराज(TOPAZ) कभी धारण नहीं करना चाहिए। 
😍 आगे फिर मिलेंगे पढ़ते रहे हकीकत जमाने की 

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