गुड़हल के फूल को अंग्रेजी में हिबिस्कस या शू फ्लावर कहा जाता है।गुड़हल का वानस्पतिक नाम मालवेसी है | मराठी भाषा मै इसे जास्वंद कहते है। संस्कृत भाषा मै जपा, गुजराती मै जासुद और बंगाली मै जुबा कहा जाता है। दुनियाभर मै इस फूल की 200 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती है। और यह सभी फूल अलग अलग रंगों मै मिलते हैं। गुड़हल का पेड़ बड़ी झाड़ियों वाला होता है। यह पेड़ 15 फिट तक बढ़ता है। गुड़हल का फूल पेड़ पर लंबे समय तक जीवित रहता है।
यह फूल पूजा में भगवान गणेश को चढ़ाया जाता है इसके अलावा इस फूल के कई औषधीय उपयोग भी है। गुड़हल का फूल सफेद, लाल, पीला, गुलाबी, बैगनी और नारंगी रंग मै पाया जाता है। इस फूल का आकार चौड़ा होता है।स्कूल की सबसे बड़ी प्रजाति चाइना में पाई जाती है जिसे चाइनीस हीबिस्कस या रोसा कहा जाता है।गुड़हल के फूल में काफ अधिक औषधीय गुण भी होते हैं। जिसकी वजह से इन फूलों का इस्तेमाल आप कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए कर सकते हैं। गुड़हल का फूल छोटी मोटी चोट को भरने से लेकर आपकी सेक्स लाइफ को बेहतक बनाने तक का काम करता है। चलिए विस्तार से जानते हैं इस खूबसूरत फूल के सभी फायदों के बारे में
गुड़हल के औषधीय गुण और उपयोग😡
- -गुड़हल के फूल का पेस्ट तिल के तेल में मिलाकर सिर पर लगाने से बालों को मजबूती मिलती है।
- -गुड़हल के फूल का पेस्ट दूध के साथ पीने से मासिक धर्म के समय होने वाली पीड़ा कम करने मै मदद मिलती है।
- -फूल के पेस्ट को रात भर पानी में भिगोकर रखें, इसके बाद सुबह इस पानी को पी ले ऐसा नियमित करने डायबिटीज कम करने में सहायता मिलती है।
- -गंजापन दूर करने के लिए गुड़हल के फूल के पेस्ट मै गाय का मूत्र मिलाकर इसे सिर पर लगाए।
- -दूध मै मिलाया गया गुड़हल का पेस्ट दिमाग को शांत करता है।
- -हर दिन गुड़हल के फूल की दो पत्तियां खाने से शरीर स्वस्थ और तंदुरुस्त रहता है।
- -उष्माघात, बवासीर, बालों की समस्या इत्यादि रोगों में गुड़हल उपयुक्त है।
- -ज़ख्म या शरीर पर चोट लगने पर वहां गुड़हल के फूल का पेस्ट लगाएं। ऐसा करने से दर्द काम होने के साथ ही चोट जल्दी ठीक होने मै भी सहायता मिलती है।
- -पाचन तंत्र को ठीक करने के लिए सफेद गुड़हल के फूल को कूटकर उसमे खड़ी शक्कर मिक्स करे और इसे हर दिन पानी मै डालकर पिएं।
-जानकारी 😍
- -गुड़हल का फूल घनी झाड़ियों में आता है। गुड़हल एक सुंदर और सुगंध रहित फूल है। इस फूल में 5 या 5 से ज्यादा पत्तियां होती है।
- -दुनिया भर में गुड़हल की 220 से ज्यादा प्रजातियां मौजूद है। और हर प्रजाति का रंग, आकार अलग अलग है।
- -गुड़हल का पौधा गर्म तापमान में बढ़ता है।
- -इस पौधे का ज्यादातर उपयोग अपने बगीचे को सजाने के लिए किया जाता है।
- -गुड़हल के पौधे से बनाई गई चाय दुनिया भर में अलग-अलग नामों से जानी जाती है। यह चाय विटामिन सी से भरपूर होती है।
- -गुड़हल की चाय ब्लड प्रेशर को कम करती है। यह इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाती है। साथ ही एक आरोग्यदायी जीवन शैली के लिए उपयुक्त है।
- -लाल रंग के गुड़हल का फूल भारत मै भगवान गणेश की पूजा मै चढ़ाया जाता है।
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