भारत में अब ज्यादातर कपूर रासायनिक विधि द्वारा बनाया जाता है। प्राकृतिक कपूर पश्चिम बंगाल, उत्तराखण्ड, कर्नाटक, तमिलनाडू, केरल, नीलगिरी तथा कर्नाटक में पाया जाता है।कपूर को जलाने से वायु शुद्ध होती है। कपूर दूषित वायु से फैलने वाले रोगों से बचाने के साथ-साथ मच्छर और मक्खियों को भी आने से रोकता है।मुख्य रूप से दो तरह के कपूर प्रयोग में लाये जाते हैं। एक पेड़ों से प्राप्त होता है और दूसरा कृत्रिम रूप से रासायनिक प्रक्रिया द्वारा बनाया जाता है।
1- दांत में हुए गड्ढे यानी कैविटी में कपूर रखने से दांत का दर्द कम हो जाता है.
2-दिल की कमज़ोरी की वजह से घबराहट होने पर थोड़ा-सा कपूर खाएं, इससे नाड़ी की गति बढ़ जाती है और घबराहट मिट जाती है.
3-हैजा होने पर कपूर का अर्क लेने से लाभ होता है.
4-बिच्छू काटने पर कपूर को सिरके में पीसकर दंश पर लगाने से बिच्छू का विष उतर जाता है.
5- बाल टूट व गिर रहे हों या फिर बालों में रूसी हो, तो नारियल के तेल में कपूर का तेल मिलाकर लगाने से लाभ होता है.
6- नकसीर फूटने या नाक से ख़ून निकलने पर गुलाबजल में कपूर पीसकर नाक में टपकाने से नाक से ख़ून गिरना बंद हो जाता है.
7-आयुर्वेदिक दृष्टि से देखें तो कपूर कटु,
तिक्त, मधुर और तीक्ष्ण स्वभाव का होता है। यह पाचक की तरह काम करता है और
आंखों के लिए फायदेमंद है।
8-मच्छरों को भागने में कपूर एक अचूक उपाय
है क्योंकि कपूर के जलने से एक प्रकार की सुगन्धित गंध निकलती है, जो कि
मच्छरों को दूर भगाने में सहायक होती है।
नाम अनेक-
- English : Camphor (कैम्पैंर)
- Sanskrit : कर्पूर, घनसार, चन्द्र, हिमा;
- Hindi : कपूर
- Urdu : काफूर (Kafoor)
- Odia : घोनोसारो (Ghonosaro), कोपूरो (Kopuro)
- Kannad: कर्पूर (Karpoor), चन्द्रधवल (Chandradhaval), कामडा (Kamada)
- Gujrati : कपूर (Kapoor)
- Telugu : कर्पूरम् (Karpuram), हिमवालुका (Himvaluka), चंद्रुमु (Chandramu)
- Tamil : कर्पूरम् (Karpuram), कणसारम (Kansaram), सिद्लम (Sidlam)
- Bengali : कर्पूर (Karpoor)
- Nepali : कपूर (Kapoor)
- Marathi : कापूरा (Kapoora)
- Malyalam : कर्पूरम (Karpooram), हिमांशु (Himanshu), शुभमसु (Subhramasu)।
- English : कैम्पैंर लॉरेल (Camphor laurel), कैम्पैंर ट्री (Camphor Tree)
- Arabi: काफूर (Kafoor)
- Persian : काफूर (Kafur)
किसी भी रोग के इलाज में कपूर की कोई विशेष मात्रा निर्धारित नहीं है। हमेशा कपूर का उपयोग चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही करें।
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