लीची में विटामिन सी, विटामिन बी6, नियासिन, राइबोफ्लेविन, फोलेट, तांबा, पोटेशियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम और मैंगनीज सहित खनिज और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा लीची आहार फाइबर , प्रोटीन और पॉलीफेनॉलिक यौगिकों का अच्छा स्रोत है।:
लीची का वैज्ञानिक नाम लीची चिनेन्सिस है और यह सोपबैरी परिवार की सदस्य है। इसके पेड़ की ऊंचाई 15-20 मीटर तक होती है और इसकी पत्तियां लगभग 15-25 cm लंबी होती हैं। लीची नर्म, सफेद और गुलाबी रंग की होती है और आमतौर पर इसका आकार 2 इंच ऊंचा और 2 इंच चौड़ा होता है। यह उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में बढ़ने वाला फल है। लीची का पौधा सबसे पहले चीन में उगाया गया था। चीन में 4,000 से अधिक वर्षों से इस फल की खेती की जा रही है। लेकिन अब दुनिया भर के कई देशों में इसकी खेती की जाती है, लेकिन लीची का मुख्य उत्पादन अभी भी दक्षिणपूर्व एशिया, चीन, भारत और दक्षिणी अफ्रीका के कुछ हिस्सों में होता है। भारत में लीची का सबसे अधिक उत्पादन बिहार में होता है। इसके अलावा लीची पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, असम और त्रिपुरा आदि राज्यों में भी उगाई जाती है। अक्सर इसकी खुशबू के कारण लीची को कॉकटेल और व्यंजनों में स्वाद के लिए प्रयोग किया जाता है।
लीची के जूस के फायदे हैं त्वचा के लिए-
लीची का उपयोग लाए बालों में चमक-
लीची में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं। लीची में ऑलिगोनोल नामक एक यौगिक होता है जो नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन को बढ़ावा देता है। नाइट्रिक ऑक्साइड जिसका अर्थ है कि यह रक्त वाहिकाओं को विस्तारित करने में मदद करता है जिससे रक्त को ठीक से प्रवाहित किया जा सकें। यह रक्त को पंप करने के लिए आपके दिल पर दबाव डालता है जिससे समग्र हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है। लीची मनुष्य में यौन इच्छाओं को बढ़ा सकती है। लीची को कामेच्छा को उत्तेजित करने के लिए जाना जाता है क्योंकि पोटेशियम, तांबा और विटामिन सी जैसे महत्वपूर्ण घटकों की प्रचुरता होती है।
वजन को कम करने के लिए खाएँ लीची -
नोट-:गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को लीची के सेवन से से बचना चाहिए।
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