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चीन का सबसे बड़ा रॉकेट अनियंत्रित होकर हिन्द महासागर में गिरा है.


 रिपोर्ट के अनुसार ज़्यादातर मलबा वायुमंडल में जल गया. इस रिपोर्ट में चीनी स्पेस इंजीनियरिंग का हवाला दिया गया है।  अंतरिक्ष पर नज़र रखने वाले दुनिया भर के लोग चीन के लॉन्ग मार्च 5B अंतरिक्षयान को लेकर अटकलें लगा रहे थे। 

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार चीनी रॉकेट स्थानीय समय के हिसाब से 10:12 बजे गिरना शुरू हो गया था.चीनी रॉकेट लॉन्ग मार्च 5बी को 29 अप्रैल को चीन के हाइनान द्वीप से प्रक्षेपित किया गया था, जो चीन के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के प्रमुख मॉड्यूल को पृथ्वी की निचली कक्षा की ओर ले जा रहा था।अमेरिका की यूएस स्पेस कमांड ने भी रॉकेट के वायुमंडल में प्रवेश की पुष्टि की है, हालांकि मलबा कहां गिरा इसकी सटीक जानकारी नहीं दी गई। 😋

यूएस स्पेस कमांड ने ट्वीटर पर लिखा, ये नहीं पता है कि मलबा ज़मीन पर गिरा है या समुद्र में."इस रॉकेट के मलबे के पृथ्वी पर गिरने को लेकर चिंता बनी हुई थी।  इसका वज़न क़रीब 18 टन था और दशकों में पृथ्वी के वायुमंडल में अनियंत्रित होकर गिरने वाली ये सबसे बड़ी वस्तु है।  व्हाइट हाउस ने इसे लेकर कहा था कि अंतरिक्ष के मामले में ज़िम्मेदार रवैया अपनाना होगा।


चीनी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा था कि 30 मीटर लंबे रॉकेट के मलबे गिरते वक़्त जल जाएंगे और शायद ही इससे किसी को नुक़सान होगा।  अमेरिकी सेना ने कहा था कि चीनी रॉकेट अनियंत्रित होकर गिरेगा।  ईयू स्पेस सर्विलांस एंड ट्रैकिंग की वेबसाइट का कहना था कि शायद ही इससे आबादी वाला इलाक़ा प्रभावित होगा लेकिन अनियंत्रित होकर गिरने से नुक़सान की आशंका हमेशा रहती है। चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने वायुमंडल विशेषज्ञ सांग ज़ोनपिंग के हवाले से लिखा था कि चीन का स्पेस मॉनिटरिंग नेटवर्क इस पर कड़ी निगरानी रखेगा और नुक़सान को लेकर ज़रूरी उपाय करेगा। लेकिन, अमेरिका में हार्वर्ड-स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स में जानेमाने एस्ट्रोफिजिसिस्ट जॉनाथन मैकडावल का कहना था कि, "इससे चीन की छवि पर बुरा असर पड़ा है. ये वाक़ई एक लापरवाही की तरह देखा जाता है। 😔

अमेरिका ने गुरुवार को कहा था कि उसकी नज़र बनी हुई है लेकिन मारकर गिराने की कोई योजना नहीं है।  अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि जहां चीनी रॉकेट गिरेगा उससे किसी का कोई नुक़सान नहीं होगा। ऑस्टिन ने कहा था कि सागर में गिरने की उम्मीद है। ज़्यादातर ऐसे अंतरिक्षयान गिरते वक़्त वायुमंडल में जल जाते हैं लेकिन कुछ ऐसे धातु होते हैं जिनके ज़मीन पर आने की भी आशंका रहती है। 👺

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