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करोना :सिनेमाघर पर गिरी सबसे बड़ी गाज:,

 


अभी साल 2020 के लॉकडाउन की बुरी यादें ज़हन से गई भी नहीं थी कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर लोगों को डर के साए में रहने को मजबूर कर दिया है। 

भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में से एक महाराष्ट्र है. बीते साल भी महाराष्ट्र में संक्रमितों की संख्या कई राज्यों की तुलना में काफ़ी अधिक थी. मुंबई भी इससे अछूती नहीं है. बीते साल लगे लॉकडाउन से हुए भारी नुक़सान के बाद फ़िल्म इंडस्ट्री धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही थी. फ़िल्मों की शूटिंग दोबारा से शुरू हो सकी थी, लेकिन सब कुछ थम जाने का ख़तरा एक बार फिर मँडराने लगा है। इस साल ये संक्रमण इतनी तेज़ी से फ़ैल रहा है कि बॉलीवुड के कई कलाकार भी इससे बच नहीं पाए.अक्षय कुमार, आमिर ख़ान, आलिया भट्ट, विक्की कौशल, कटरीना कैफ़, रणबीर कपूर, आर. माधवन, गोविंदा, कार्तिक आर्यन, भूमि पेडनेकर, संजय लीला भंसाली, सीमा पाहवा और कई कलाकार कोरोना संक्रमित हो गए। 

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने फ़िलहाल 1 मई तक सभी गैर-ज़रूरी कामकाज स्थगित कर दिए हैं, जिससे मनोरंजन जगत पर सीधा असर पड़ रहा है.


सिनेमाघरो पर गिरी सबसे बड़ी गाज-👯

2020 में लॉकडाउन के दौरान सबसे अधिक नुकसान सिनेमाघरों को उठाना पड़ा था।  सात महीने बंद रहने के बार नवंबर में दीपावली वाले हफ़्ते में 50% दर्शक क्षमता के साथ सिनेमाघर खुले।  लेकिन कोई बड़ी फ़िल्म रिलीज़ नहीं हुई,इस साल के शुरु में जब कोरोना का कहर कम होता दिख रहा था और सरकार ने पूरी क्षमता के साथ सिनेमाघरों को खोलने का आदेश दे दिया था, तो कुछ बड़े बैनर ने अपनी फ़िल्मों की रिलीज़ की घोषणा कर दी थी, जिनमें रोहित शेट्टी और अक्षय कुमार की सूर्यवंशी, सलमान ख़ान की फ़िल्म राधे भी शामिल थीं। 😉


लेकिन एक बार फिर इन फ़िल्मों की रिलीज़ को टाल दिया गया है.सिनेमा ओनर एक्ज़िबीटर एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (COEAI ) के अध्यक्ष नितिन दातर कहते हैं, "इस साल जिस तरह से कोरोना फ़ैल रहा है और थिएटर बंद हो रहे हैं, उससे थिएटर मालिक को बहुत नुक़सान झेलना पड़ रहा है और सरकार की तरफ़ से कोई मदद नहीं मिल रही. हम कोई सब्सिडी नहीं मांग रहे हैं. हम अपना हक़ मांग रहे हैं, जैसे प्रॉपर्टी टैक्स, लाइट बिल में राहत."महाराष्ट्र डिवीज़न स्टेट के तहत अगर कोई प्राकृतिक आपदा आती है, तो प्रॉपर्टी टैक्स माफ़ किया जाता है या 50% कर दिया जाता है. वो कहते हैं, "इलेक्ट्रिसिटी डिमांड चार्जेज़ जो 14 हज़ार रुपए देने ही पड़ते हैं, भले थिएटर बंद क्यों ना हो, उसे माफ़ करना चाहिए. कई दूसरे राज्यों ने इसे लेकर राहत दी है और बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी इस पर टिपण्णी की है."क़रीब एक साल से सिनेमाघरों में बड़ी फ़िल्में रिलीज़ नहीं हुई है. कोरोना दौर में दर्शकों की कमी के कारण कई बड़ी फ़िल्मों ने अपनी रिलीज़ एक साल से रोकी हुई है। 😒

कई बड़ी फ़िल्मों की शूटिंग शुरु हुई है, लेकिन निर्माताओं पर फ़िल्म में काम कर रहे हर व्यक्ति के कोरोना टेस्ट का ख़र्चा आ गया है. फ़िल्म सेट पर सब स्वस्थ और सुरक्षित रहें, इसलिए हेल्थ एंड सेफ़्टी ऑफ़िसर की टीम तैनात करनी पड़ रही है. सेट पर मौजूद हर शख़्स का बीमा किया जा रहा है. अगर कोई कोरोना पॉजिटिव होता है, तो निर्माता उस व्यक्ति के अस्पताल और दूसरे ख़र्चे संभालता है.शूटिंग के दिन बढ़ते जा रहे हैं, जिससे निर्माताओं की लागत भी बढ़ती जा रही है। टीवी सीरियल की शूटिंग में अगर कोई कोरोना पॉजिटिव होता है, तो तीन-चार दिन के लिए शूटिंग स्थगित कर दी जाती है और सबका कोरोना टेस्ट होता है जिसका ख़र्च निर्माता उठाते हैं.हाल फ़िलहाल में कई दिग्गज अभिनेता फ़िल्म शूटिंग के दौरान कोरोना संक्रमित हुए, जिससे उनकी फ़िल्मों की शूटिंग स्थगित हो गई, जिसका भार निर्माता पर पड़ा। 👮

पिछले साल लॉकडाउन के बाद जब शूटिंग शुरू हुई, तब से निर्माताओं ने हेल्थ एंड सेफ़्टी ऑफ़िसर की टीम तैनात की, ताकि कोरोना संक्रमण से फ़िल्म में काम कर रहे लोग बच सकें। 

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