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उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से हुई तबाही;घटना के बाद क्या-क्या हुआ

 


  उत्तराखंड के चमोली ज़िले में ग्लेश्यिर टूटने से धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई है। नदी के कई तटबंध

  टूटने के बाद बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है। 

इससे ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को बड़ा नुकसान पहुँचा है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुताबिक अब तक 7 शव बरामद किए गए हैं जबकि करीब 125 लोग लापता हैं. वहीं एक सुरंग में फंसे 16 लोगों को आईटीबीपी ने ज़िंदा बचा लिया है। 


मुख्यमंत्री के मुताबिक रैणी गांव के कम से कम पांच लोगों के मारे जाने की भी अपुष्ट रिपोर्टें हैं. मुख्यमंत्री के मुताबिक रैणी गांव के आसपास के 17 गांवों से सड़क मार्ग से संपर्क कट गया है.अशोक कुमार के मुताबिक, 'पानी और मलबा जो नीचे डाउनस्ट्रीम में आया, वहां सभी को अलर्ट करके इलाक़ा खाली करा लिया गया है. ये मलबा और पानी श्रीनगर के बांध में पहुंच कर स्थिर हो गया है और अब आगे के इलाक़े के लिए कोई ख़तरा नहीं है.'मौके पर पहुंचे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट कर कहा है, 'सुबह 10 बजकर 45 मिनट पर चमोली ज़िले के रैणी गांव में दो बांध स्थलों पर आपदा की सूचना मिली. तुरंत हालात का जायज़ा लेने और आपात क़दम उठाने के आदेश दे दिए गए थे. राज्य आपदा प्रबंधन प्रक्रिया को भी तुरंत ही शुरू कर दिया गया था.'दोनों ही निर्माण स्थलों पर पुलिस, एसडीआरएफ़, सेना और आईटीबीपी की टीमें बचाव कार्य में लगी हैं. अभी तक दो शव बरामद हुए हैं. हम आपदा से हुए नुकसान को सीमित करने की कोशिशें कर रहे हैं.''हमें केंद्र सरकार से इस परिस्थिति से निबटने के लिए हर संभव मदद मिल रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत तौर पर हालात पर नज़र बनाए हुए हैं और हर मदद का वादा किया है. गृह मंत्री अमित शाह ने प्रभावित ज़िले के लिए एनडीआरएफ़ की आपात टीमें भेजी हैं। 

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राहत बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ़ की टीम भेज दी गई है। 


घटना का विवरण सीएम कार्यालय ने दिया

मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, 'प्रातः 10 बजे के करीब ऋषिगंगा के ऊपर ग्लेशियर फटा, जिससे ऋषिगंगा में उफान आया इसका असर 13.2 MW के ऋषिगंगा प्रोजेक्ट पर पड़ा है, ऋषिगंगा का जो मलबा था वो आगे धौलीगंगा में बढ़ा जिससे तपोवन में एनटीपीसी के प्रोजेक्ट को भी नुकसान पहुंचा हैं. इसके अलावा तपोवन में 520 मेगावाट के तपोवन विष्णुगढ़ प्रोजेक्ट को भी आंशिक क्षति पहुंची है. यहां काम कर रहे 47 मज़दूर लापता हैं। 


मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ़ से जारी बयान में कहा गया है, 'विष्णुप्रयाग में धौलीगंगा का मलबा अलकनन्दा में मिल गया, लेकिन आगे बढ़ते हुए अलकनन्दा का बहाव सामान्य होता गया. अलकनन्दा पर कॉफर डैम को कोई नुकसान नहीं पहुंचा हैं. आगे अलकनन्दा पर किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है.'उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया, "ग्लेशियर ने ऋषिगंगा बिजली परियोजना को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है. वहाँ 50 से अधिक आदमी काम करते थे उनके भी इसमें हताहत होने की संभावना है. हमारी टीमें वहाँ पहुँच गई हैं. उत्तराखंड पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें वहाँ पहुँच गई हैं. बहाव में आई मिट्टी में दबे लोगों को ढूंढा जा रहा है. कुछ लोगों को बचाया भी गया है. जहाँ से यह हिमखंड आया है वहाँ स्थिति साफ़ है. कर्ण प्रयाग तक पानी आ चुका है. बारिश में गंगा जी में जितना पानी आता है अभी उतना ही पानी नदी में है. हमने पूरी बेसिन को खाली कराया है. कोशिश कर रहे हैं आगे कोई हताहत न हो. आज के लिए राफ्टिंग को बंद करवा दिया गया है क्योंकि अगले चार पाँच घंटे में पानी ऋषिकेश और हरिद्वार तक भी पहुँचेगा। 


सीएम ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया हैl

चमोली के अपर ज़िलाधिकारी अनिल कुमार चन्याल ने बताया, "हिमस्खलन के कारण ऋषिगंगा बिजली परियोजना को बड़ा नुकसान हुआ है. लोगों के हताहत होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. परियोजना की साइट पर कुछ लोग लापता हैं. लेकिन अभी उनकी सटीक संख्या नहीं दी जा सकती है। उन्होंने बताया, "धौलीगंगा और अलकनंदा नदियों के रास्ते पहले से अधिक चौड़े हो गए हैं। 


हमने तपोवन से हरिद्वार तक हाई अलर्ट जारी कर दिया है. नदी के किनारे की आबादी को वहाँ से निकाला गया है. सेना, आईटीबीपी भी मदद कर रही है, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ घटनास्थल पर मौजूद है। प्रभावित इलाके में फँसे लोगों की मदद के लिए मुख्यमंत्री ने आपदा परिचालन केंद्र के नंबर 1070, 1905 और 9557444486 पर संपर्क करने की सूचना भी दी है.समाचार एजेंसी एएनआई ने आईटीबीपी के हवाले से बताया कि उत्तराखंड के चमोली ज़िले के रेनी गाँव के पास बाढ़ की स्थिति है. इसने नदियों के कई तट और घरों को तोड़ डाले हैं। 

आईटीबीपी के जवान लोगों की मदद को भेजे गए हैं. जोशीमठ के पास रेनी गाँव में राहत का काम चल रहा है। 


श्रीनगर, ऋषिकेश, हरिद्वार में तो ख़तरे की सीमा को  भी पार कर जाएगा जलस्तर,

चमोली पुलिस ने बताया कि "तपोवन क्षेत्र में एक ग्लेशियर के टूटने से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट क्षतिग्रस्त हो गया है.  अलकनंदा नदी के किनारे रहने वाले लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। उन्होंने बाढ़ से संबंधित एक सूचना भी जारी की जिसमें बताया गया कि श्रीनगर, ऋषिकेश और हरिद्वार में जलस्तर ख़तरे की सीमा को पार कर जाएगा। इसमें बताया गया है कि शाम चार बजे तक श्रीनगर में जलस्तर 553 मीटर तक बढ़ सकता है. वहीं रात आठ बजे तक यह जलस्तर श्रीनगर में 340 मीटर और हरिद्वार में रात 9 बजे तक यह 294 मीटर तक बढ़ सकता है। 

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