ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ दूसरे टेस्ट मैच में भारत ने बेहतरीन जीत हासिल की है. पहले टेस्ट में दूसरी पारी में केवल 36 रन पर लुढ़ककर आठ विकेट से हारने वाली भारतीय टीम मेलबर्न में हुए दूसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया पर हावी रही. भारत ने दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन ऑस्ट्रेलिया को आठ विकेट से हरा दिया है। चार टेस्ट मैचों की सिरीज़ में भारत और ऑस्ट्रेलिया 1-1 की बराबरी पर आ गए हैं. भारत ने यह मैच विपरीत हालात में जीते हैं. टीम के कई अहम खिलाड़ी मैच से बाहर हैं। यहाँ तक कि उमेश यादव को तीन ओवर के बाद ही बाहर होना पड़ा था। भारत को दूसरे टेस्ट मैच में जीत के लिए महज़ 70 रन बनाने थे लेकिन दो विकेट जल्दी ही गिर गए. ओपनिंग करने आए मयंक अग्रवाल 15 गेंद पर पाँच रन बनाकर आउट हो गए. अग्रवाल के बाद चेतेश्वर पुजारा (3) आए लेकिन वो चार गेंद से ज़्यादा नहीं खेल पाए।मयंक अग्रवाल को मिचेल स्टार्क ने अपनी गेंद पर कप्तान टिम पेन से कैच कराया तो पुजारा पैट कमिंस की गेंद पर कैमरोन ग्रीन के हाथों कैच हो गए. पहले ऐसा लग रहा था कि भारत इस मैच को 10 विकेट से भी जीत सकता है।
ओपनिंग करने आए शुभमन गिल (35) पिच पर डटे रहे और कप्तान अजिंक्य रहाणे (27) के साथ भारत को जीत दिला दी. शुभमन गिल ने दूसरी पारी में सात चौकों की मदद से 36 गेंद पर 35 रन बनाए. ऐसा लग रहा था कि गिल टेस्ट नहीं वनडे खेल रहे हैं. गिल ने पहली पारी में भी 45 रन बनाए थे। दूसरे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया के सभी खिलाड़ी 103.1 ओवर में 200 रन बनाकर आउट हो गए थे. ऑस्ट्रेलिया को 69 रनों की बढ़त मिली और भारत को यह टेस्ट मैच जीतने के लिए महज़ 70 रन बनाने थे. भारत ने इस लक्ष्य को दो विकेट खोकर 15.5 ओवर में हासिल कर लियापहली पारी में भारत से 131 रन से पिछड़ने के बाद ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ दूसरी पारी में भी भारतीय गेंदबाज़ों के सामने लाचार दिखे।
अगर कैमरोन ग्रीन पिच पर नहीं टिकते और 121 मिनट तक उनका साथ पैट कमिंस ना देते तो भारत को और आसान जीत मिलती. दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया की तरफ़ से कैमरोन ग्रीन ने ही सबसे ज़्यादा 45 रन बनाए थे। भारत ने ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में 195 रन के जवाब में कप्तान अजिंक्य रहाणे के शानदार 112 रन की मदद से कुल 326 रन बनाए थे. चार टेस्ट मैचों की सिरीज़ में ऑस्ट्रेलिया 1-0 से आगे था लेकिन अब दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर आ गई हैं.भारत के ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा ने 28 रन देकर दो विकेट लिए हैं और जसप्रीत बुमराह ने भी दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया के दो विकेट झटके। इसके अलावा मेलबर्न में टेस्ट करियर की शुरुआत करने वाले मोहम्मद सिराज ने दूसरी पारी में शानदार तीन विकेट लिए हैं. सिराज ने महज़ 37 रन देकर तीन विकेट झटके. दूसरी पारी में भारत की तरफ़ से सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले मोहम्मद सिराज ही हैं।
मोहम्मद सिराज ने द हिन्दू अख़बार से कहा है कि उन्होंने लॉकडाउन के दौरान अपनी फिटनेस और गेंदबाज़ी पर ख़ूब मेहनत की थी. सिराज ने कहा कि आईपीएल में भी उन्होंने अच्छा किया था और इस वजह के उनका आत्मविश्वास बना हुआ था।
मजे की बात ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी दूसरी पारी में आते-जाते रहे-
हालाँकि एडिलेड में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारत के सभी खिलाड़ी 36 रन पर ही आउट हो गए थे. ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय गेंदबाज़ों के सामने ज़्यादा लाचार दिखे।
ऑस्ट्रेलिया का पहला विकेट चार रन के स्कोर पर ही गिर गया था. ओपनिंग करने आए जो बर्न्स और मैथ्यु वेड की जोड़ी को उमेश यादव ने दूसरे ओवर में ही तोड़ दिया, बर्न्स ने 10 गेंद खेली और उमेश यादव की गेंद पर विकेटकीपर ऋषभ पंत के हाथों कैच हो गए। पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया की तरफ़ से सबसे ज़्यादा 48 रन बनाने वाले मार्नस लाबुशेन भी 28 रन बनाकर आउट हो गए. उन्हें आर अश्विन ने अपनी गेंद पर कप्तान अजिंक्य रहाणे से कैच कराया. रही सही कसर जसप्रीत बुमराह ने स्टीवन स्मिथ को आठ के स्कोर पर क्लीन बोल्ड कर पूरी कर दी.ऐसा लग रहा था कि मैथ्यु वेड लंबी पारी खेलेंगे. ओपनिंग करने आए वेड तीन चौकों की मदद से 137 गेंदों पर 40 रन बना चुके थे. वेड पिच पर पिछले 188 मिनट से जमे हुए थे लेकिन रविंद्र जडेजा की गेंद पर वो एलबीडब्ल्यू हो गए।
वेड के आउट होने के बाद ट्रैविड हेड भी 17 रन के स्कोर पर मोहम्मद सिराज की गेंद पर मयंक अग्रवाल के हाथों कैच हो गए. कप्तान टिम पेन तो नौ गेंद पर एक रन बनाकर आउट हुए. उन्हें रविंद्र जडेजा ने ऋषभ पंत से कैच कराया.ऑस्ट्रेलिया का चार रन पर पहला, 42 रन पर दूसरा, 71 रन पर तीसरा, 98 रन पर चौथा और पाँचवाँ, फिर 99 रन पर छठा विकेट गिर गया. इसके बाद कैमरोन ग्रीन और पैट कमिंस ने क्रमशः 45 और 22 रन बनाकर टीम को कुछ हद तक संभाला. इन दोनों को भी जडेजा और बुमराह ने बहुत देर तक मैदान में टिकने नहीं दिया।
भारत बिना विराट कोहली के खेल रहा-
भारत बिना विराट कोहली के खेल रहा है. विराट कोहली पहले बच्चे के पिता बनने वाले हैं और वो एडिलेड टेस्ट के बाद छुट्टी पर चले गए थे. उमेश यादव को भी चोट के कारण 3.3 ओवर के बाद ही बाहर होना पड़ा और रहाणे ने किसी तरह गेंदबाज़ी अटैक को बनाए रखा. तेज़ गेंदबाज़ ईशांत शर्मा और मोहम्मद शमी पहले से चोट के कारण बाहर हैं. रोहित शर्मा अब तक इस सिरीज़ में शामिल नहीं हो पाए हैं। जडेजा ने न केवल 57 रनों की पारी खेली बल्कि वेड और पेन जैसे अहम विकेट भी लिए. बुमराह ने भी सधी हुई गेंदबाज़ी की। ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर नाथन लियोन ने अपनी टीम की फ़ील्डिंग की आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि उनकी टीम का प्रदर्शन पूरे दिन परेशान करने वाला रहा. रहाणे के दो कैच छूटे. इसके अलावा पंत और शुभम गिल के भी कैच छूटे हैं. लियोन ने एबीसी से कहा, ''हमने मौक़ा अपने पक्ष में किया था लेकिन हमारी फ़ील्डंग ऑस्ट्रेलिया की टीम की तरह नहीं थी. हमने कई मौक़ों को गँवा दिया। अजिंक्य रहाणे ने जिस तरह ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ों को अपनी कप्तानी के जाल में फंसाया, उसे देखकर पूर्व क्रिकेटर और चयनकर्ता रहे मदन लाल कहते हैं कि रहाणे ने फील्डर वहाँ खड़े किए जहाँ ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों ने कैच दिए।
रहाणे की कप्तानी और बैटिंग से भारत मस्त तो ऑस्ट्रेलिया पस्त😂😂😂
सुनने में यह बात भले ही साधारण लगे पर है बहुत महत्वपूर्ण. रहाणे ने ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज़ बल्लेबाज़ स्टीव स्मिथ पर ऐसा दबाव बनाया कि वह एक बार फ़िर दोनों पारियों में कुछ ख़ास नहीं कर सके. 65 की औसत से सात हज़ार से अधिक टेस्ट रन बना चुके इस दशक के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाज़ चुने गए स्टीव स्मिथ को बांधना आसान नहीं है। लेकिन सिरीज़ की चार पारियों में अब तक उनका स्कोर 1,1,0,8 रहा. जो बताता है कि इन विकेटों पर बल्लेबाज़ी करना उतना आसान भी नहीं है. ख़ुद रहाणे का शतक दोनों टीमों के किसी भी बल्लेबाज़ का पहला शतक है।
रहाणे की कप्तानी में एक सूझबूझ तब भी देखने को मिली जब पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया के पुछल्ले बल्लेबाज़ तेज़ी से खेलकर रन बटोर रहे थे. तब उन्होंने गेंद स्पिनर रवींद्र जडेजा को थमाई और फिल्डर्स को थोड़ा पीछे रखा ताकि वह आसानी से ऊँचे शॉट्स को कैच में बदल सकें। इसके अलावा नए गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज को भले ही लंच के बाद गेंदबाज़ी के लिए वो लाए लेकिन इस दौरान लगातार उनसे बात करते रहे और उनका मनोबल बनाए रखा। रहाणे की कप्तानी में खेल चुके तेज़ गेंदबाज़ ईशांत शर्मा ने मैच शुरू होने से पहले कहा था कि रहाणे गेंदबाज़ों के कप्तान हैं क्योंकि वे कभी भी उन्हें (गेंदबाज़ों को) नहीं समझाते कि वह क्या करें. इससे गेंदबाज़ का हौसला बढ़ता है. हाँ, वह गेंदबाज़ों से यह ज़रूर पूछते रहते हैं कि उन्हें फील्डर कहाँ चाहिए. ईशांत ख़ुद इस सिरीज़ में खेलते नज़र आते लेकिन वह फ़िट नहीं हैं. वैसे टीम उमेश यादव की फ़िटनेस को लेकर भी सोच में है।
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