पाकिस्तान में पिछले महीने जिस विमान हादसे में 97 लोगों की मौत हो गई थी, उसके लिए एयर ट्रैफ़िक कंट्रोल (एटीसी) और पायलट की ग़लती ज़िम्मेदार थी। हादसे की जाँच के लिए गठित की गई कमेटी की शुरुआती रिपोर्ट में ये बात कही गई है। पाकिस्तान के नागरिक उड्डयन मंत्री ग़ुलाम सरवर ख़ान ने बुधवार को संसद में इसकी घोषणा करते हुए कहा, "वे प्रोटोकॉल का पालन करने में नाकाम रहे थे। उन्होंने ये भी कहा कि पायलट और को-पायलट दुनिया भर में फैली कोरोना महामारी के बारे में बातचीत कर रहे थे और इसी कारण हवाई जहाज़ के पायलटों का ध्यान बंट गया था। पिछले महीने की 22 तारीख़ को ये यात्री विमान कराची के रिहाइशी इलाक़े में ज़मींदोज़ हो गया था। हादसा इतना भयानक था कि केवल दो मुसाफ़िरों की ही जान बच पाई थी। ग़ुलाम सरवर ख़ान ने कहा कि हादसे का शिकार हुए पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की एयरबस ए-320 विमान में कोई ख़राबी नहीं थी.
उन्होंने कहा, "पायलट ने एयर ट्रैफ़िक कंट्रोलर के निर्देशों को नज़रअंदाज़ कर दिया, दूसरी तरफ़ एटीसी ने पायलट को ये नहीं बताया कि जहाज़ का इंजन टकराने जा रहा है। ये यात्री विमान लाहौर से रवाना हुआ था और कराची के जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरने की कोशिश के दौरान शहर के रिहाइशी इलाक़े के ऊपर क्रैश हो गया। पाकिस्तान के नागरिक उड्डयन मंत्री ने बताया कि पायलट शुरू में लैंडिंग गियर ठीक से लगाने में नाकाम रहे थे. इसकी वजह से लैंडिंग की पहली कोशिश नाकाम रही थी।
इसके बाद पायलट को लैंडिंग की एक दूसरी कोशिश करनी थी लेकिन एयर ट्रैफ़िक कंट्रोलर पायलट को ये बताने में नाकाम रहे कि जहाज़ का इंजन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है।
जहाज़ में क्या हुआ था?
पीआईए के मुख्य अधिकारी एयर वाइस मार्शल अरशद मलिक ने बताया कि पायलट ने ट्रैफ़िक कंट्रोल को बताया था कि विमान में तकनीकी समस्याएं आ रही थीं। पाकिस्तानी मीडिया में हादसे के फ़ौरन बाद पायलट और एयर ट्रैफ़िक कंट्रोल के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग जारी हो गई थी।
इसमें पायलट कहता है, "विमान के दो इंजनों ने काम करना बंद कर दिया है....
फिर एयर ट्रैफ़िक कंट्रोलर ने पायलट से पूछा कि क्या वो 'बेली लैडिंग' के लिए तैयार हैं? इस पर पायलट ने जवाब दिया, "....मे डे... मे डे...मामूली चोटों के साथ हादसे में ज़िंदा बचने वाले ज़ुबैर ने बताया था, "विमान ने एक बार लैंडिंग की कोशिश की थी और इसके दस-पंद्रह मिनट बाद यह क्रैश कर गया. किसी को ये नहीं पता था कि विमान क्रैश होने वाला है. सभी लोग विमान में बेहद आराम के साथ उड़ रहे थे। मुझे हर ओर से चीख़ें सुनाई दे रहीं थीं. बच्चे और व्यस्कों से. मुझे बस आग दिख रही थी. मुझे कोई व्यक्ति नहीं दिखाई दिया। बस उनकी चीख़ें सुनाई दे रहीं थीं. मैंने अपनी सीट बेल्ट खोली, मुझे एक रोशनी दिखाई दी. इसके बाद मैं रोशनी की ओर भागा, मुझे एक सुरक्षित जगह पहुंचने के लिए दस फ़ीट की ऊंचाई से नीचे कूदना पड़ा। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस का कहना है कि हादसे का शिकार हुआ विमान उनके बेड़े में साल 2014 में शामिल किया गया था और पिछले साल नवंबर में हुए सालाना फ़िटनेस टेस्ट में पास हुआ था. पाकिस्तान में लॉकडाउन से दी गई राहत के बाद इस विमान ने उड़ान भरी थी।
पाकिस्तान का सेफ्टी रिकॉर्ड
पाकिस्तान में विमानन सुरक्षा का रिकॉर्ड उतार-चढ़ाव भरा रहा है. यहां कई विमान हादसे हो चुके हैं। पाकिस्तानी अख़बार एक्सप्रेस के अनुसार ये पीआईए का 16वां विमान हादसा था। साल 2010 में प्राइवेट एयरलाइन एयरब्लू का एक यात्री विमान इस्लामाबाद के पास हादसे का शिकार हो गया। इस दुर्घटना में जहाज़ पर सवार सभी 152 लोगों की मौत हो गई थी. पाकिस्तान के विमानन इतिहास का इसे सबसे जानलेवा हादसा माना जाता है। साल 2012 में पाकिस्तान के भोजा एयर का बोइंग 737-200 विमान ख़राब मौसम के कारण रावलपिंडी के पास हादसे का शिकार हो गया, इस हादसे में 121 यात्रियों और चालक दल के छह सदस्यों की मौत हो गई थी। साल 2016 में पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस का एक विमान उत्तरी पाकिस्तान से इस्लामाबाद की उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में 47 लोग मारे गए थे।
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