साल 2011 के अक्टूबर महीने के बाद इस दफा पहली बार मई में भारत का तेल आयात गिरकर अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने उद्योग जगत के सूत्रों से मिले आँकड़ों के हवाले से कहा है कि इसकी वजह तेल की मांग में लगातार आई गिरावट है। मई में भारत ने 3.18 मिलियन बैरल तेल प्रतिदिन के हिसाब से ख़रीदा।
आँकड़े बताते हैं कि इसी साल अप्रैल में हुई ख़रीद की तुलना में ये 31 फ़ीसदी कम था जबकि पिछले साल इसी समय की ख़रीद के हिसाब से भी ये 26 फ़ीसदी कम था, भारत में कोरोना संकट पर काबू पाने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण तेल की मांग में भारी गिरावट देखी गई थी।
इस दौरान तेल कंपनियों ने सस्ते तेल से अपना स्टॉक इकट्ठा किया. केंद्र सरकार की रणनीतिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त तेल की आपूर्ति की। अमूमन एक या दो महीने पहले एडवांस में तेल की बुकिंग कराने वाली कंपनियों ने अप्रैल में जो माल उठाना था, उसमें भी देरी की. मई में भी भारत ने सबसे ज़्यादा तेल सऊदी अरब से ही ख़रीदा. पिछले दो महीने से सऊदी अरब भारत को सबसे ज़्यादा तेल आपूर्ति करने वाला देश बना हुआ है। हालांकि अप्रैल की तुलना में भारत को सऊदी तेल की आपूर्ति 28 फ़ीसदी कम हुई है, इराक़ से ख़रीदे जाने वाले तेल में भी 43 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई है, साल 2016 के अक्टूबर के बाद ये सबसे कम आंकड़ें हैं।
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